आसमां से रंगों की बरसात हुई
ज़मीं से सगाई की बात हुई |
शहनाईयां गूंजेंगी वादियों में
दिल से दिल की मुलाकात हुई |
क्षितिज पे इन्द्रधनु सजा दिया ‘महक’
दीवानो का घर सारी कायनात हुई |
दिल हमेशा रौशनी की उम्मीद करता है | मगर कभी तेज रौशनी को ढक लेनेवाले बादल , गहरा सुकून ले आते है |
गर्मी और धूप के मौसम में , दो दिनो से बदली मेहमान बन शहर पर् छाई है |
सुबह से काम में लगे,फिर दोपहर तक होनेवाली चिड़चिड़ाहट, दो दिनो से महसूस ना हुई |
खिड़की के पास जाते ही हौले से गालों को छूती हवा , जैसे मयूर पंखसे सहलाया हो ,कहती ,छोड़ो ना सब, चलो
मेरे साथ, राह पर् दौड़ने , वादियों में घूमने | शर्त लगाए तेरे और मेरे बीच ,बस दौड़ते जाए,बिना कारण |
अचानक वो मोतियों से गिरती बड़ी बड़ी बूंदे , हाथों में आती,फिर बह जाती | बस चलता तो माला बना कर,
हमेशा के लिए गले से लगाए रखते उन्हे | दिल में खूब सी गहरी यादें ताज़ा कर देती है,ये बेमौसम बरसात |
और अगर कुछ मन करता है तो,कार में बैठ के लॉंग ड्राइव पे जाना | ये इच्छा तो पूरी नही हुई ,और नही ही
इन्द्रधनु के दर्शन हुए | जैसे आए थे,ये मेहमान बिन बताए अचानक चले भी गये,काश कुछ दिन और रूक जाते.|
Alpana said,
मई 4, 2010 at 3:34 पूर्वाह्न
‘शर्त लगाए तेरे और मेरे बीच ,बस दौड़ते जाए,बिना कारण’
कितना अच्छा लगता न !..बचपन में तो न जाने कितनी बार ऐसे भागें हैं..
_बिन मौसम बरसात ऐसी ही होती है…जैसी तुमने बयां की यहाँ…
—अगली बार इन्द्रधनुष भी दिखे और ये ‘मेहमान’ देर तक रुकें..शुभकामनायें महक.
ताऊ रामपुरिया said,
मई 4, 2010 at 5:03 पूर्वाह्न
बहुत ही सुंदर.
रामराम.
shivangi said,
मई 4, 2010 at 5:49 पूर्वाह्न
बहुत सुंदर लिखा है. मौसन की रंगीनियत को आपके शब्दों के चुनाव ने कुछ और बढ़ा दिया है.
रंजन said,
मई 4, 2010 at 5:52 पूर्वाह्न
bahut sundar..
kshama said,
मई 4, 2010 at 9:28 पूर्वाह्न
क्षितिज पे इन्द्रधनु सजा दिया ‘महक’
दीवानो का घर सारी कायनात हुई |
Bahuthee sundar! Wah!
rashmi prabha said,
मई 4, 2010 at 9:45 पूर्वाह्न
दिल हमेशा रौशनी की उम्मीद करता है | मगर कभी तेज रौशनी को ढक लेनेवाले बादल , गहरा सुकून ले आते है……….. bilkul sahi
tailor preeti said,
मई 7, 2010 at 8:56 पूर्वाह्न
kitne mahino ke baad aap vapas aai hai …kaise hai aap ??? bilkul thik thak na ….
wel come back …
mehhekk said,
मई 7, 2010 at 11:30 अपराह्न
shukriya preeti ji,hum ab thik hai,aasha hai aap bhi achhi hai.thank u so much.