तेरा नाम लेकर
मन में पुकारती हूँ
आज भी जिस
गली से गुजरती हूँ
बावरी सोचती है
तुम सुन लोगे….
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सुना बहुत है
उससे माँगी हर मुराद
पूरी होती है
अब रोज रात आसमाँ से
एक सितारा टूटने की
ख्वाहिशे पनपती है…
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सारा जहाँ घुम लिए
फिर भी
करार ना आया
दिल को सुकून मेरे
मा के आँचल बिना
कही नही…