दूवायें दे कितनी ,आपने वो काम किया है
अपने साथ साथ हमारा भी नाम किया है
करके आपने मोहोब्बत हमसे
आसमान का चाँद बना दिया है
पहले तो हमे कोई पहचानता भी न था
जिस गली से भी गुज़रे अब , उसका मेहमान बना दिया है
ताजमहल पर लगाई है तस्वीर
एक और नया अरमान दिया है
कैसे शुकराना अदा करे हम
आपने हमे इतना जो मान दिया है