प्यार और दर्द का गहरा रिश्ता होता है
दोनो है अलग फिर भी हमे भिगोता है |
दोनो में ही आँखों से निकलते वो आँसू
दोनो में ही दिल सिसक सिसक के रोता है |
तस्सली देनेवाले तो मिल जाते है बहोत
मरहम–ए–दवा करनेवाला कोई ना होता है |
चोट तो हमे लगती है मगर इस कदर
गले लगाओ जितना,मंन और चैन खोता है |
उनके चेहरे पर गम,अंदर मुस्कान के साए
दूसरे का गम देख,कोई और खुश होता है |
इतना ना करो जतन,के खुद को बैठो भुलाए
दुनिया के सामने तेरा फसाना बहुत छोटा है |
पलकों का परदा हटाओ,सितारे गुलशन सजाए
ऐसा कभी ना सोच के तुझसे हर रब रूठा है |
प्यार और दर्द का गहरा रिश्ता होता है
जनवरी 23, 2008 at 4:06 पूर्वाह्न (दर्द का रिश्ता)
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