आज जाने की ज़िद्द ना करो
लगता है जैसे अरसो पुरानी बात है
गमो के साये सदा हमारे साथ है |
तमस की वो बेबसी,और वो तन्हाई
तरस गया मन सुनने,स्वरो की शहनाई |
महलो में रह कर भी, दामन खाली थे
दिपो की माला थी,पर रास्ते बंद थे |
तुम्हे ढूँढने तो , आसमान भी झुक गये
जहा छोड़ी थी राह , हम वही रुक गये |
आज मेरे सरताज , जो तुम आए हो
प्यार के मधुबन , अपने साथ लाए हो |
सोला शृंगार किये , मेरे मंन की बात हरो
प्रियतम,आज जाने की जिद्द ना करो |
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